कक्षा - 12 संस्कृत भास्वती - षष्ठ: पाठ: नैकेनापि समं गता वसुमती (एक के भी साथ पृथ्वी नहीं गई) Class -12 Bhaswati - Lesson No. - 6th Nakenapi Samagata Vasumathi
NCERT Solutions for Class 12 Sanskrit Bhaswati संस्कृत भास्वती कक्षा - 12 षष्ठ: पाठ: - नैकेनापि समं गता वसुमती (एक के भी साथ पृथ्वी नहीं गई) प्रश्नोत्तर Class -12 Sanskrit Bhaswati - Lesson No. -6th Nakenapi Samagata Vasumathi Question Answer's
षष्ठ: पाठ: - नैकेनापि समं गता वसुमती (एक के भी साथ पृथ्वी नहीं गई) प्रश्नोत्तर Lesson No. - 6th Nakenapi Samagata Vasumathi Question Answer's
संस्कृत भास्वती कक्षा - 12 (Class -12 Sanskrit Bhaswati)
षष्ठ: पाठ: नैकेनापि समं गता वसुमती
नैकेनापि समं गता वसुमती (किसी एक के भी साथ पृथ्वी नहीं गई)
1. एकपदेन उत्तरत-
(क) धाराराज्ये को राजा प्रजाः पर्यपालयत् ?
उत्तरम् - सिन्धुलः ।
(ख) सिन्धुलः कस्मै राज्यम् अयच्छत् ?
उत्तरम् - मुञ्जाय।
(ग) सिन्धुलः कस्य उत्सङ्गे भोजं मुमोच ?
उत्तरम् - मुञ्जस्य।
(घ) मुञ्जः कं मुख्यामात्यं दूरीकृतवान् ?
उत्तरम् - बुद्धिसागरम्।
(ङ) कः विच्छायवदनः अभूत् ?
उत्तरम् - मुञ्जः ।
(च) मुञ्जः कं समाकारितवान् ?
उत्तरम् -वत्सराजम्।
(छ) वत्सराजः भोजं रथे निवेश्य कुत्र नीतवान् ?
उत्तरम् - वनम्।
(ज) कः आसीत् ?
उत्तरम् - मान्धाता ।
(झ) महोदधौ सेतुः केन रचितः ?
उत्तरम् - रामेण
(ञ) कः वही प्रवेश निश्चितवान् ?
उत्तरम् -मुञ्जः ।
2. पूर्णवाक्येन उत्तरत-
(क) भोजः कस्य पुत्रः आसीत् ?
उत्तरम् -भोज: राह: सिन्धुलस्य पुत्रः आसीत्।
(ख) सिन्धुलः किं विचारयामास ?
उत्तरम् - सिन्धुल: विचारयामास यद्यहं राज्यलक्ष्मी भारधारणसमर्थं सहोदरमपहाय राज्यं पुत्राय प्रयच्छामि तदा लोकापवादः अथ वा वालं मे पुत्रं मुझो राज्यलोभात् विपादिना मारयिष्यति तदा दत्तमपि राज्यं वृथा ।
(ग) सभायां कीदृशः ब्राह्मणः आगतवान् ?
उत्तरम् - सभार्या ज्योतिःशास्त्रपारंगतः ब्राह्मणः आगतवान्।
(घ) कः भोजस्य जन्मपत्रिकां निर्मितवान् ?
उत्तरम् -विप्रः भोजस्य जन्मपत्रिका निर्मितवान्।
(ङ) 'मुझः किम् अचिन्तयत् ?
उत्तरम् - मुन: अचिन्तयत्-यदि राजलक्ष्मीः भोजकुमारं गमिष्यति, तदाहं जीवन मृतः।
(च) वत्सराजः भोजं कुत्र नीतवान् ?
उत्तरम् - वत्सराज: भोजं वनं नीतवान्।
(छ) वत्सराजः कम् अनमत् ?
उत्तरम् - वत्सराज: बुद्धिसागरम् अनमत् ?
(ज) मुञ्जः कापालिकं किम् उक्तवान् ?
उत्तरम् - मुञ्जः कापालिकम् उक्तवान् योगीन्द्र! महापापिनो मया हतस्य पुत्रस्य प्राणदानेन मां रक्षेति।
3. रेखाङ्कितपदानि आवृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-
(क) सिन्धुलस्य भोजः पुत्रः अभवत् ।
उत्तरम् -कस्य भोजः पुत्रः अभवत् ?
(ख) सिन्धुलः राज्यं मुञ्जाय अयच्छत् ।
उत्तरम् - सिन्धुल: राज्य कस्मै अपच्छत् ?
(ग) एकदा एक ब्राह्मणः सभायाम् आगच्छत् ?
उत्तरम् - एकदा एकः ब्राह्मणः कुत्र आगच्छत् ?
(घ) मुञ्जः भोजस्य जन्मपत्रिकाम् अदर्शयत्।
उत्तरम् - मुञ्जः कस्य जन्मपत्रिकाम् अदर्शयत् ?
(ङ) वत्सराजः भोजं गृहाभ्यन्तरे रक्षा
उत्तरम् - वत्सराजः कं गृहाभ्यन्तरे ररक्ष ?
(च) मुञ्ज: वह्नौ प्रवेश निश्चितवान्।
उत्तरम् -मुञ्जः कस्मिन् प्रवेश निश्चितवान् ?
(छ) मुझः सभामागतं कापालिक दण्डवत् प्राणमत् ।
उत्तरम् - मुझः सभामागतं के दण्डवत् प्राणमत् ?
(ज) भोजः चिरं प्रजाः पालितवान्।
उत्तरम् - भोजः चिरं काः पालितवान् ?
4. प्रकृतिप्रत्ययविभागं कुरुत-
उत्तरम् -
|
पदम् |
उपसर्ग: |
धातुः |
प्रत्ययः |
(क) |
आलोक्य |
आ |
लोक् |
ल्यप् |
(ख) |
संवीक्ष्य |
सम् + वि |
ईक्ष् |
ल्यप् |
(ग) |
अपहाय |
अप |
हा |
ल्यप् |
(घ) |
दत्तम् |
-- |
दा |
क्त |
(ङ) |
विचार्य |
वि |
चर् |
ल्यप् |
(च) |
दूरीकृत्य |
दूरी |
कृ |
ल्यप् |
(छ) |
समागम्य |
सम् + आ |
गम् |
ल्यप् |
(ज) |
विधाय |
वि |
धा |
ल्यप् |
(झ) |
भोक्तव्य |
-- |
भुज् |
तव्यत् |
(ञ) |
सम्प्रेष्य |
सम् + प्र |
इष् |
ल्यप् |
5. प्रकृति प्रत्ययं नियुज्य शब्द लिखत
उत्तरम् -
|
प्रश्नपक्ष: |
उत्तरपक्षः |
|
(क) |
जीव्
+ शतृ |
= |
जीवन |
(ख) |
मृ
+ क्त |
= |
मृतः |
(ग) |
चिन्त्
+ क्त्वा |
= |
चिन्तयित्वा |
(घ) |
हन्
+ तव्यत् |
= |
हन्तव्यम् |
(ङ) |
आ
+ नी तव्यत् |
= |
आनेतव्यम् |
(च) |
नि
+ शम् + ल्यप् |
= |
निशम्य |
(छ) |
नम्+
क्त्वा |
= |
नत्वा |
(ज) |
आ
+ कर्ण् + ल्यप् |
= |
आकर्ण्य |
(झ) |
नि + क्षिप् + ल्यप् |
= |
निक्षिप्य |
(ञ) |
मन्
+ क्त्वा |
= |
मत्वा |
(ट) |
ज्ञा
+ क्त्वा |
= |
ज्ञात्वा |
(ठ) |
नी
+ क्तवतु |
= |
नीतवान् |
(ड) |
आ
+ पद् + क्त |
= |
आपन्नः |
(ढ) |
हन्
+ क्तवतु |
= |
हतवान् |
(ण) |
आ
+ दिश् + क्त |
= |
आदिष्टः |
6. उचित अर्थेन सह मेलनं कुरुत-
उत्तरम् -
(क) |
निशीथे |
- |
रात्रौ |
(ख) |
प्रणिपत्य |
- |
प्रणम्य |
(ग) |
निशम्य |
- |
श्रुत्वा |
(घ) |
पार्श्वे |
- |
समीपे |
(ङ) |
विपिने |
- |
वने |
(च) |
दशास्यान्तकः |
- |
राम: |
(छ) |
दिवम् |
- |
स्वर्गम् |
(ज) |
अधीत्य |
- |
पठित्वा |
(झ) |
महोदधौ |
- |
समुद्रे |
(ञ) |
यास्यति |
- |
गमिष्यति |
7. मञ्जूषायां प्रदत्तः अव्ययशब्दः रिक्तस्थानानि पूरयत-
तु |
एव |
तदा |
किमर्थम् |
पुरा |
चिरम् |
उत्तरम् -
पुरा सिन्धुलः नाम राजा आसीत्। सः चिरम् प्रजाः पर्यपालयत्। वृद्धावस्थायां तस्य एक: पुत्रः अभवत्। तदा सः अचिन्तयत् किमर्थम् न स्वपुत्रं भ्रातुः मुञ्जस्य उत्सङ्गे समर्पयामि। सिन्धुल: पुत्रं मुञ्जस्य उत्सङ्गे समर्प्य एव परलोकम् अगच्छत्। सिन्धुले दिवंगते मुञ्जस्य मनसि लोभ: समुत्पन्नः। लोभाविष्टः सः तु भोजस्य विनाशार्थम् उपायं चिन्तितवान्।
8. उदाहरणानुसारं लिखत-
(क) - उत्तरम् -
प्रश्नपक्षः |
उत्तरपक्षः |
||||||
|
|
|
उपसर्गः |
धातुः |
लकारः |
पुरुषः |
वचनम् |
(क) |
प्रयच्छामि |
= |
प्र |
यच्छ् |
लट् |
उत्तमपुरुष: |
एकवचनम् |
(ख) |
व्यचिन्तयत् |
= |
वि |
चिन्त् |
लङ् |
प्रथमपुरुष: |
एकवचनम् |
(ग) |
यास्यति |
= |
-- |
या |
लृट |
प्रथमपुरुष: |
एकवचनम् |
(घ) |
मारयिष्यति |
= |
-- |
मृ |
लृट |
प्रथमपुरुष: |
एकवचनम् |
(ङ) |
कथयन्ति |
= |
-- |
कथ् |
लट् |
प्रथमपुरुष: |
बहुवचनम् |
(च) |
भवति |
= |
-- |
भू |
लट् |
प्रथमपुरुष: |
एकवचनम् |
(छ) |
असि |
= |
-- |
अस् |
लट् |
मध्यमपुरुषः |
एकवचनम् |
(ख) -उत्तरम् -
प्रश्नपक्षः |
उत्तरपक्षः |
|||||
|
|
|
शब्द |
लिङ्गःम् |
विभक्तिः |
वचनम् |
(क) |
पुत्राय |
= |
पुत्र |
पु० |
चतुर्थी |
एकवचनम् |
(ख) |
लोकाः |
= |
लोक |
पु० |
प्रथमा |
बहुवचनम् |
(ग) |
वचः |
= |
वचस् |
नपुं० |
प्रथमा |
एकवचनम् |
(घ) |
भूमौ |
= |
भूमि |
स्त्री० |
सप्तमी |
एकवचनम् |
(ङ) |
श्रीमता |
= |
श्रीमत् |
पु० |
तृतीया |
एकवचनम् |
(च) |
महोदधौ |
= |
महोदधि |
पु० |
सप्तमी |
बहुवचनम् |
(छ) |
वह्नौ |
= |
वह्नि |
पु० |
सप्तमी |
एकवचनम् |
9. विशेषणं विशेष्येण सह योजयत-
उत्तरम् -
|
विशेषणम् |
- |
विशेष्यम् |
(क) |
बालम् |
- |
पुत्रम् |
(ख) |
दत्तम् |
- |
राज्यम् |
(ग) |
दिवंगते |
- |
राजनि |
(घ) |
ज्योतिःशास्त्रपारंगतः |
- |
ब्राह्मण: |
(ङ) |
इमाम् |
- |
भविष्यवाणीम् |
(च) |
बङ्गदेशाधीश्वरम् |
- |
वत्सराजम् |
(छ) |
सन्तप्तः |
- |
मुञ्जम् |